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*कोरबा(पाली):-* बीते कुछ वर्ष पहले झोला छाप डॉक्टरों के अवैध क्लीनिकों पर प्रशासन के चले डंडे से जमीदोज हुए बिना डिग्री के डॉक्टरों की दुकानदारी फिर से साजोसज्जा के साथ प्रारंभ हो चुकी है।जहाँ खुलेआम मामूली बीमारियों से लेकर कैंसर तक को ठीक करने का दावा करने वाले झोलाछाप डाँक्टर अपना तजुर्बा व प्रतिबंधित दवाइयों को मरीजों पर आजमाकर धड़ल्ले से अपनी दुकानदारी चमका रहे हैं।
गौरतलब है कि जिले के पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में घुम-घुमकर ईलाज करने वाले अपने कंधे पर दवाइयों,इंजेक्शनों का बैग लटकाए बिना डिग्री के डाँक्टर इन दिनों आसानी से देखे जा सकते है।इसके अलावा बीते वर्षों में प्रशासन द्वारा किये गए कार्यवाही से बगैर डिग्री वाले डॉक्टरों के बंद हो चुके उपचार दुकानों के पट भी पुनः खुल चुके है।जहाँ अधिकतर इलाकों में बंगाली डॉक्टर के नाम से फेंमस झोलाछाप डॉक्टर महज एक छोटे से कमरे जहाँ ढंग से दो लोगो के बैठने की भी जगह नही अपना क्लीनिक चमकाकर लोगों पर अपना तजुर्बा अपनाते हुए मोटी रकम की वसूली कर रहे है।ये झोलाछाप डॉक्टर ऐसे है जो 5 वीं,8 वी तक कि पढाई कर डाँक्टर बन गए है और मामूली जुकाम से लेकर मलेरिया,टाइफाइड,पेट में अल्सर,लकवा,कैंसर जैसी बीमारियों के ईलाज का जिम्मा उठा रखें हैं।जो अपने क्लिनिक में सुबह से शाम तक लोगो का इलाज करते देखे जा सकते हैं।इस इलाज के दौरान किसी मरीज की तबियत ज्यादा खराब होने की स्थिति में उक्त डाँक्टर अपना हाथ खड़े कर देते है।देखा गया है कि ग्राम पोड़ी,चैतमा एवं रजकम्मा क्षेत्र में झोलाछाप डाँक्टर कुकुरमुत्ते की तरह उग आए है।जिनमे से अनेकों ने अपनी-अपनी उपचार की दुकानें भी संचालित कर रखी है और किसी डिग्रीधारी चिकित्सक की तरह बकायदा मरीजों का उपचार भी कर रहे है।जहाँ इनके अवैध क्लिनिक में तमाम तरह की